By : सत्यम मिश्रा
समस्तीपुर जिले के मोरवा प्रखंड अंतर्गत चर्चित मंदिर खुदनेश्वर धाम में महाशिवरात्रि मेले में हुई करीब छः राउंड फायरिंग। प्रखंड एवं जिला प्रशासन की प्रशासनिक उदासीनता एवं पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था नहीं होने के कारण महाशिवरात्रि मेले में यह दुर्घटना घटी। एकमात्र दंडाधिकारी रितेश कुमार झा एवं तीन दर्जन पुलिस के द्वारा संपूर्ण एक वर्ग किलोमीटर विशाल मेला क्षेत्र की निगरानी की जा रही थी। मेले के प्रथम दिन महाशिवरात्रि के अवसर पर विशाल भीड़ को देखते हुए मंदिर न्यास समिति के सदस्यों के द्वारा प्रखंड एवं जिला प्रशासन से और भी सुरक्षा व्यवस्था की मांग की गई थी।
आपको बता दें कि पहले दिन से ही मेला क्षेत्र में उपद्रवियों के द्वारा मारपीट की शिकायत मिलने के बाद प्रखंड विकास पदाधिकारी के द्वारा चार दंडाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति करते हुए कम से कम दो दर्जन और पुलिस बलों की मांग की गई थी। बावजूद प्रखंड विकास पदाधिकारी की मांग की अनदेखी कर दी गई। यही नहीं मेला शुरू होने से 4 दिन पूर्व शांतिपूर्ण मेला संपन्न कराने के लिए आयोजित की गई शांति समिति की बैठक में जिला एवं प्रखंड प्रशासन के द्वारा पूरी उदासीनता बरती गई। एक भी पदाधिकारी शांति समिति में भाग लेने के लिए नहीं पहुंचे। ताजपुर थाना के एकमात्र ऐसा ही उपेंद्र कुमार ने अपना प्रतिनिधित्व किया। ताजपुर थाना अध्यक्ष द्वारा एसपी की मीटिंग की बात बताई गई।
जबकि जिला के अन्य अधिकारियों तथा प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अंचलाधिकारी के द्वारा जिलाधिकारी की मीटिंग की बात बताते हुए शांति समिति की बैठक में भाग नहीं लिया गया। न्यास समिति के सदस्यों के द्वारा प्रखंड एवं जिला प्रशासन से सुरक्षा व्यवस्था की बार-बार मांग किए जाने के बावजूद पर्याप्त सुरक्षा मुहैया नहीं कराई जा सकी थी। यदि मंदिर न्यास समिति के सदस्यों समेत प्रखंड विकास पदाधिकारी की मांग पर यदि जिला प्रशासन के द्वारा और सुरक्षाबलों की तैनाती की गई होती, तो अधिक संभव था की महाशिवरात्रि मेले में उपद्रवियों का तांडव होने से बचाया जा सकता था।
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