समस्तीपुर जेल गोलीकांड के शहीद का० कालीचरण राय की याद में माले ने की संकल्प सभा

संवाददाता : राजीव कुमार सिन्हा


• शहीद का० सुखदेव राय एवं राजेंद्र साह के शहादत को माले कार्यकर्ताओं ने किया सलाम

• "लोकतंत्र बचाओ, देश बचाओ- शहीदों के सपनों का भारत बनाओ" का दिया नारा

• कार्यकर्ताओं से 15 फरवरी को गांधी मैदान रैली में चलने का किया आह्वान

समस्तीपुर, 14 जनवरी 2023 | पुलिसिया एवं सामंती जुल्म, उत्पीड़न, के खिलाफ समस्तीपुर जेल गोलीकांड के शहीद का० कालीचरण राय समेत का० सुखदेव राय एवं का० राजेंद्र साह ( मोतीपुर) का संयुक्त शहादत दिवस पर शनिवार को माले कार्यकर्ताओं ने संकल्प सभा का आयोजन किया. कार्यक्रम के शुरू में प्रखण्ड के चकनूर स्थित शहीद स्मारक शहीदों की याद में झंडोत्तोलन के बाद शहीदों को दो मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि दिया गया. तत्पश्चात शहीद स्मारक पर गगनभेदी नारों के बीच माल्यार्पण किया गया.

जहां मौके पर आयोजित संकल्प सभा की अध्यक्षता माले प्रखण्ड सचिव अनील चौधरी ने की. जिला स्थाई समिति सदस्य सुरेंद्र प्रसाद सिंह, जिला कमिटी सदस्य प्रमिला राय, जयंत कुमार, राजकुमार चौधरी, पंसस ऐनूलहक, मो० महताब, अशोक कुमार, कृष्णा दास, टिंकू यादव, साधुशरण साह, सोनेलाल पासवान, रामस्वार्थ सहनी, महेश पासवान, रामनरेश पासवान, राजकुमार पासवान, परमेश्वर सहनी आदि ने शहीदों के व्यक्तित्व एवं कृतित्व से प्रेरणा लेकर उनके सपनों को भारत बनाने के लिए संघर्ष तेज करने का आह्वान किया.

सभा को बतौर मुख्य वक्ता संबोधित करते हुए भाकपा माले राज्य कमिटी सदस्य बंदना सिंह ने कहा कि तत्कालीन भाकपा माले नेता का० कालीचरण राय, का० सुखदेव राय, का० राजेंद्र साह के नेतृत्व में लूट- भ्रष्टाचार, शोषण, दमन, सामंती एवं पुलिया जुल्म-उत्पीड़न के खिलाफ संघर्ष चल रहा था. सामंतों के ईशारे पर पुलिस ने कारबाई कर माले नेताओं को जेल में डाल दिया था. माले नेताओं ने जेल के अंदर भी संघर्ष जारी रखा. जेल के अंदर भूख हड़ताल शुरू हुआ. एक ओर माले नेताओं के नेतृत्व में जेल के अंदर भूख हड़ताल को व्यापक समर्थन मिल रहा था तो दूसरी जेल आंदोलन के समर्थन में जेल के बाहर भी आंदोलन शुरू हो गया था.

आंदोलन तीव्र गति से बढ़ रहा था. प्रशासन का आंदोलन रोकने की हर कोशिश नाकाम रहा. अंत में प्रशासन ने आंदोलनकारियों पर गोली चला दी. इसमें मौके पर आंदोलन के नेतृत्वकर्ता का० कालीचरण राय शहीद हो गये. अन्य कई आंदोलनकारियों को गोली मार दी गई. ईलाज के दौरान उनकी भी मौत हो गई. इस घटना की गुंज सिर्फ समस्तीपुर, बिहार ही नहीं देशस्तर पर सुनाई दी. जेल मेनुअल एवं जेल व्यवस्था में कई बदलाव सरकार को करने को बाध्य होना पड़ा था. माले नेताओं ने नीतीश- तेजस्वी सरकार से 1981 समस्तीपुर जेल गोलीकांड पर श्वेतपत्र जारी करने की मांग की.

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