![]() |
Credit: Hind360 |
समस्तीपुर जिले के मोरवा प्रखंड में स्थित खुदनेश्वर धाम मंदिर में सावन की चौथी सोमवारी पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। इस पवित्र अवसर पर 200,000 से अधिक भक्तों ने भगवान शिव का जलाभिषेक किया, जिससे मंदिर परिसर और आसपास का क्षेत्र हर-हर महादेव के जयघोष से गूंज उठा।
रविवार रात से ही चमथा घाट से श्रद्धालुओं का जल लेकर आना शुरू हो गया था। भक्तों ने लंबी कतारों में खड़े होकर भगवान शिव के दर्शन और जलाभिषेक के लिए अपनी बारी का इंतजार किया। मंदिर प्रशासन ने भक्तों की सुविधा के लिए विशेष इंतजाम किए थे, जिसमें पानी की व्यवस्था, चिकित्सा शिविर और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम शामिल थे।
मंदिर परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। पुलिस बल और स्वयंसेवकों ने भीड़ को नियंत्रित करने और भक्तों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। चिकित्सा शिविरों में डॉक्टरों और नर्सों की टीम तैनात थी, जो किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार थी। कई भक्तों ने लंबी यात्रा और उमस भरी गर्मी के कारण थकान महसूस की, जिनका तुरंत इलाज किया गया।
श्रद्धालुओं ने भगवान शिव की पूजा-अर्चना और जलाभिषेक के साथ-साथ भजन-कीर्तन और मंत्रोच्चारण भी किया। भक्तों का कहना था कि "सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
"
स्थानीय प्रशासन ने भी इस आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। जिला प्रशासन ने यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए विशेष प्रबंध किए थे, जिससे श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
सावन की चौथी सोमवारी पर खुदनेश्वर धाम में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ ने इस पवित्र स्थल की महत्ता को और बढ़ा दिया है। भक्तों का यह उत्साह और श्रद्धा भगवान शिव के प्रति उनकी अटूट आस्था को दर्शाता है। इस प्रकार के आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी इनका विशेष महत्व है।