By : सत्यम मिश्रा
सड़क पर चलते हुए भी हम ऐसे लोगों को देखते हैं, जो दाने-दाने के लिए मोहताज होते हैं।अब जरा सोचिए कितना अच्छा हो कि इन सब लोगों को दो बक्त की भोजन मिल जाये तो ना जाने कितनी जाने बच सकती हैं।
मधुबनी जिले के जयनगर "युवाओं का हैं सपना","भूखा न रहें कोई अपना", अन्न दान महादान" तथा जो खाते हैं वहीं खिलाते हैं के ध्येय, वाक्य और 'नि'स्वार्थ भावना से रोजाना एक से दो सौ लोगों तक माँ अन्नपूर्णा कम्युनिटी किचन संस्था के तरफ से मुफ़्त में गुणवत्ता युक्त रात का खाना जयनगर स्टेशन परिसर में पहुचता हैं।
समस्तीपुर टाइम्स न्यूज़ संवाददाता | प्रदीप कुमार नायक | ने इन संस्थाओं के युवाओं के साथ पूरा वक़्त देते हुए इनके काम करने के तरीको को जाना और समझने की कोशिश की एक विशेष भेंट में माँ अन्नपूर्णा कम्युनिटी किचन के मुख्य संयोजक अमित कुमार राउत ने कहाँ कि असहायों और जरूरतमंदों को भोजन कराने के लिए हमारी संस्था ने एक पहल शुरू की हैं।इसके तहत शहर में भोजन से वंचित लोगों को नि-शुल्क भोजन कराना हैं ताकि कोई भी लोग भूखा न सोए, कोई भूखा न रहें।
उन्होंने कहाँ कि मैंने एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया हैं।जिस पर फ़ोन करके कोई भी व्यक्ति भूखों को खाना पहुँचवाया जा सकता हैं। ये संस्था पिछले दो सालों से गरीब, लाचार और बेबस लोगों की पेट की आग बुझाने में लगा हैं। जानकारी के मुताबिक शुरुआती दौर में लोगों ने इनका खूब मज़ाक उड़ाया। लेकिन सोशल मीडिया की ताकत और आम लोगों के सहयोग से माँ अन्नपूर्णा कम्यूनिटी किचन संस्था को खूब ऊर्जा मिली। यह संस्था जयनगर वासियों और देश के विभिन्न प्रान्तों से दाताओं के सहयोग से प्रगति की ओर अग्रसर हैं। वे लोग अपने शादी-विवाह, जन्मदिन, शादी की वर्षगांठ, पूण्य तिथि एवं अन्य अवसरों पर अपना योगदान देकर संस्था को सहयोग करते हैं।
समाज, देश व अपनी आदर्शो की धरातल से जुड़े संस्था के संरक्षक डॉ. सुनील राउत समाज सेवा के रूप में बड़ी शोहरत हासिल की हैं। गाँधी, लोहिया और डॉ. भीमराव अंबेडकर के जीवन से प्रभावित विचार धारा उनके रग-रग में समाए हुए हैं। उनका कहना हैं कि जयनगर के कुछ युवाओं ने मिलकर कोरोना संकट के समय माँ अन्नपूर्णा कम्यूनिटी किचन की शुरुआत की थी। लेकिन धीरे-धीरे इस संस्था ने जरूरतमंदों के लिए प्रतिदिन जयनगर स्टेशन परिसर में लंगर लगाकर नि:शुल्क भोजन करवा रहें हैं। जो हर गरीब और असहाय लोगों की भूख मिटा रहा हैं।
इसकी संभालने और देखरेख की जिम्मेदारी विशेषकर संस्था के संरक्षक प्रवीर महासेठ, उपेन्द्र नायक, राजेश गुप्ता,संजय महतो,राघवेंद्र झा उर्फ बबलू,गणेश कास्यकार, गोविंद जोशी,अध्यक्ष सचिन सिंह,उपाध्यक्ष लक्ष्मण यादव,सचिव विकास चन्द्रा, कोषाध्यक्ष सियाराम महतो, सदस्य रामजी गुप्ता, राहुल महतो, प्रथम कुमार,हर्ष महतो,श्रवण शर्मा,सुनील कर्ण, नीतीश सिंह, विवेक सूडी, शिबू गुप्ता,सुमित पंजियार,संजय साह, हिमांशु जायसवाल, सोनू पूर्वे,गौरव शर्मा,सुमित कुमार राउत, मीडिया प्रभारी शिव कुमार, पप्पू पूर्व, संतोष शर्मा को दी गई हैं। वैसे संस्था के सभी सदस्य भोजन वितरण के समय वहाँ मौजूद रहते हैं। सेवा यहाँ संध्या छह बजे से रात्री आठ बजे तक दी जाती हैं। इसमें रोटी, चावल, सब्जी, दाल, पापड़, कढ़ी के अलावे खीर, पूरी, लड्डू भी दी जाती हैं। यह संस्था 2019 से लेकर अब तक जागरूकता अभियान कोरोना काल से भोजन वितरण से लेकर अन्न दान,छठ पूजा में छठ व्रतियों में पूजा सामग्री एवं साड़ी का वितरण, ठंड में उनी वस्त्र, शाल एवं कम्बल का वितरण, नि:शुल्क कम्प्यूटर शिक्षा, बैशाखी का वितरण, जगह-जगह पेयजल का आयोजन, नि:शुल्क मेडिकल कैम्प और दवा का वितरण करते आ रही हैं।
संस्था के सक्रिय संयोजक सुरेंद्र महतो कहते हैं कि जरूरतमंद लोगों की भूख से संघर्ष कर रहें हमारी संस्था रोज खाना खिलाने के अलावे उन लोगों की सेहत का भी ख्याल रखते हैं।यह संस्था जयनगर वासियों और देश के विभिन्न प्रांतों से दाताओं के सहयोग से प्रगति की ओर अग्रसर हैं। उन्होंने कहाँ कि यह संस्था अन्नदान और सामाजिक कार्य के लिए समर्पित रूप से कार्य कर रही हैं। इस दौरान संस्था के कोई एक सदस्य लगातार अपनी गतिविधियों को फेसबुक लाइव भी करते हैं। लोगों से शेयर करने की अपील करते हैं। ताकि ज्यादा से ज्यादा इसे देखे और मदद के लिए आगे आए। इसका फायदा माँ अन्नपूर्णा कम्युनिटी किचन कमिटी के माध्यम से जरूरतमंद लोगों को मिल रहा हैं। इस संस्था में सेवा देने वाले सभी सदस्य अपना कारोबार करते हैं। खुद के काम से निपटने के बाद इस नेक काम में भागीदारी होते हैं।सभी कामों को आपस में बाँट दिया गया हैं। ताकि एक आदमी को ज्यादा काम का बोझ न झेलना पड़े।
गरीब, असहाय, दुःखी और जरूरतमंद लोगों के हर दुःख-दर्द में सहयोगी और सहचरी बनकर विकास की नई गाथा लिखने के लिए तत्त्पर आज के समाज में ये संस्था सच्चे समाज सेवक के रूप में प्रचलित हो रहें हैं। सामाजिक क्षेत्र में इनकी भूमिका सर्वोपरि रहा हैं। किसी ने कहां हैं कि "जिंदगी हैं तो ख्वाब हैं, ख्वाब हैं तो मंजिल हैं, मंजिल हैं तो हौसला हैं" और हौसला हैं तो विश्वास हैं और यही विश्वास माँ अन्नपूर्णा कम्यूनिटी किचन कमिटी संस्था के सभी पदाधिकारी, कार्यकर्ता और सदस्यो को गरीब, असहाय और जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और अन्य सामान देकर समाज सेवा के लिए प्रेरित करता हैं। इस प्रेरणा को अपने जीवन में उतारकर विकास की नई महागाथा लिखने के लिए संस्था के सभी लोग पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।
मधुबनी जिले के घरों में रोजाना इतना खाना बर्बाद होता हैं कि उससे जिले भर के भूखे लोगों का पेट भरा जा सकता हैं। शहर-बाजार के होटलों में रोजाना हजारों लोगों का खाना फेंका जाता हैं। जबकि दूसरी ओर उन्हीं शहर-बाजार एवं आसपास के गांवों में कुछ गरीब लोग भूखे सो जाते हैं। हमें भोजन की बर्बादी और भूखे लोगों के बीच की दूरी को पाटने की जरूरत हैं। सरकारी गोदामों में सालाना लाखों टन सड़ रहें अनाजों को उन जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाना होगा और ऐसा तभी सम्भव होगा जब माँ अन्नपूर्णा कम्युनिटी किचन जैसे संस्था सामाजिक स्तर पर प्रयास करें।
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